प्रश्न 2. नृवंशविज्ञान फिल्मों में मार्गरेट मीड के योगदान की चर्चा कीजिए।
उत्तर-मार्गरेट मीड द्वारा एक मानवविज्ञानी के नृवंशविज्ञानी के रूप में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया गया। 1952 के अंत तक भी मार्गरेट मीड द्वारा 'ट्रांस एंड डांस इन बाली' का व्याख्यान किया गया। यह व्याख्यान काफी कठिन कार्य था। मीट के अनुसार फिल्म तभी काम करेगी, जब उनके साथ मानवविज्ञानी का व्याख्यान हो क्योंकि प्रत्यक्षवादी अभिविन्यास वाले मानवविज्ञानी फिल्मों की अपेक्षा तस्वीरों को अधिक महत्त्व देते हैं। जालिनी लोगों के बीच मीड द्वारा इस विचार में एक बदलाव पाया। प्रत्यक्षवादी अभिविन्यास के अनुसार मीट को यह मानना था, कि कैमरा तद्देश्यपूर्ण था क्योंकि कैमरे में पहले से खींची गई तस्वीरों को एक उद्देश्य और वास्तविकता का चित्रण करने हेतु पहले ही खींच लिया जाता था। उपशीर्षक लगाकर मानवशास्त्रीय अर्थों की दर्शकों तक पहुँचाया जाता था। मीड के अनुसार खगोल विज्ञान में कैमरे की भूमिका एक दूरबीन की तरह है, इसलिए कैमरा वास्तविक घटनाओं को रिकॉर्ड करने के प्रयोग के अनुसार फिल्म निर्माण टीम और सूचनादाता तीनों संबंध काफी महत्त्व रखते हैं। उनका यह मानना है। स्वतुल्यता और सूचनादाता के दृष्टिकोण को शामिल करने का संकेत है।
मीड के अनुसार फिल्म की योजना और संपादन की प्रक्रिया में सूचनादाता शामिल हो सकते थे, परंतु फिल्म निर्माता में फिल्म निमाता के विचार को अनदेखा नहीं किया जा सकता। इसलिए मीड द्वारा 'ट्रांस इन डांस बाली' में निवासियों को ही प्रशिक्षित किया गया। बाली के निवासियों ने ही इनके सहायकों और आलोचकों के रूप में कार्य किया। मीड द्वारा अपनी फिल्मों में शब्दों से ज्यादा बेहतर थे, जैसे कि नृत्य को रिकॉर्ड करना और अनुष्ठान को रिकॉर्ड करना क्योंकि फिल्मों में फिल्म करते समय कुछ लोक नृत्य करते समय कैमरे से बाहर निकल जाते तो उनकी कुछ महत्त्वपूर्ण गतिविधियों का फिल्मांकन सही ढंग से नहीं हो पाता, इसलिए नृत्य अनुष्ठान का दृष्टिकोण अपनाया गया। मोड का यह मानना था कि चित्रण यानी तस्वीरें और फिल्मांकन कौशल का अभाव निराश करने वाला नहीं होना चाहिए। हालांकि इस अभाव को दूर करने के लिए कुशल कैमरा मैन को नृवंशविज्ञानी द्वारा दिशा-निर्देश दिया जा सकता है। 1942 में बाली पर मीड का अध्ययन किया गया। इसमें रिकॉर्डिंग के रूप में खींची गई तस्वीरों का प्रयोग आगे नहीं बढ़ सका। यह दृश्य नृविज्ञान में एक ऐतिहासिक घटना मानी गई।
मीड द्वारा 1995 में माना गया कि कैमरे को एक बार चलाने के लिए रिकॉर्ड करने के रूप में स्थापित किया गया, तो यह अदृश्य रहता है, इसलिए मीड के लिए कैमरा दीवार पर बैठी मक्खी के समान था क्योंकि उत्तरदाताओं को शामिल करने के महत्त्व को रेखाखित किया गया, परंतु उत्तरदाताओं के दृष्टिकोण और उनकी संस्कृति के बारे में अपने अध्ययन में सूचनादाताओं की अपनी समझ को प्रतिबिंबित नहीं किया गया। उनके लिए उत्तरदाताओं को अपनी समझ को प्रतिबिंबित नहीं किया गया। उनके लिए उत्तरदाताओं का दृष्टिकोण विशेष महत्त्व रखता था। मार्गरेट मीड द्वारा समोआ के बीच क्षेत्रकार्य किया गया।
Nice information post
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